
हिंदी फिल्म जगत में शक्ति कपूर का नाम उन गिने चुने अभिनेताओं में है जिन्होंने अपने दमदार अभिनय से सिने दर्शकों के दिल में एक खास मुकाम बना रखा है। शक्ति कपूर में एक विशेषता रही है कि वह किसी भी तरह की भूमिका के लिए उपयुक्त हैं। फिल्म 'कुर्बानी', 'आंखे', 'रामअवतार' जैसी फिल्मों में एक क्रूर खलनायक की भूमिका हो या फिर 'हम साथ साथ हैं','अधर्म' जैसी फिल्म में भावपूर्ण अभिनय या फिर 'राजा बाबू','मालामाल वीकली','चालबाज' जैसी फिल्मों में हास्य अभिनय इन सभी भूमिकाओं में उनका कोई जवाब नही।
'कहानी किस्मत की' से की कॅरियर की शुरुआत:
शक्ति कपूर का जन्म 3 सितंबर 1958 को हुआ था। शक्ति कपूर ने अपनी स्नातक की पढ़ाई दिल्ली के मशहूर किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की। शक्ति कपूर ने अपने कॅरियर की शुरूआत वर्ष 1973 में अर्जुन हिगोंरानी की फिल्म 'कहानी किस्मत की' से की। धर्मेंद्र और रेखा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में उन्हें एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला लेकिन दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में शक्ति कपूर असफल रहे।

7 साल तक किया स्ट्रगल:
अपने वजूद को तलाशते शक्ति कपूर फिल्म इंडस्ट्री में लगभग सात वर्ष तक संघर्ष करते रहे। इस दौरान उनकी 'दो जासूस', 'संग्राम','खेल किस्मत का', 'दरवाजा','दिल से मिले दिल' जैसी फिल्में प्रदर्शित हुईं लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कुछ खास फायदा नही पहुंचा। वर्ष 1979 में शक्ति कपूर की 'जानी दुश्मन' और 'सरगम' जैसी फिल्में प्रदर्शित हुईं। इन फिल्मों के जरिए वह कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए।

'कुर्बानी' से मिली पहचान:
शक्ति कपूर की किस्मत का सितारा वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म 'कुर्बानी' से चमका। मारधाड़ और नाच गाने से भरपूर इस फिल्म में शक्ति कपूर ने मुख्य खलनायक की भूमिका निभाई। बेहतरीन गीत संगीत और अभिनय से सजी फिरोज खान निर्मित इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने अभिनेता शक्ति कपूर को बतौर खलनायक फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया ।
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