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Sunday, 2 September 2018

फिल्में सिर्फ जीवन का हिस्सा, पूरी जिंदगी नहीं: रवीना टंडन

नब्बे के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस रवीना टंडन का कहना है कि उन्हें एक के बाद एक कई फिल्मों के ऑफर मिल रहे हैं, लेकिन वह जिंदगी के इस पड़ाव पर ऐसी फिल्में करना चाहती हैं जिससे उन्हें हमेशा याद किया जाए। उन्होंने कहा, 'पहले जो मैंने फिल्में की थी वो भी बहुत अच्छी थीं और उन्हें लोग आज भी याद करते हैं। इस समय मैंने कई फिल्मों की स्क्रिप्ट पढ़ी हैं और उन पर विचार कर रही हूं, लेकिन अभी तक मैंने कोई नई फिल्म साइन नहीं की है।'

फिल्में ही जिंदगी नहीं
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने 43 वर्षीय अभिनेत्री को संजय गांधी नेशनल पार्क का ब्रांड एंबेसडर बनाया है। रवीना बचपन से ही वन्यजीवों में काफी दिलचस्पी रखती हैं। इस मौके पर मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने अपने बॉलीवुड कॅरियर को लेकर बातचीत करते हुए कहा, 'फिल्म उनके जीवन का एक हिस्सा है, पूरी जिंदगी नहीं है।' अपनी समकालीन अभिनेत्रियां-काजोल, जूही चावला, माधुरी दीक्षित फिल्मों की दुनिया में लौटने को लेकर रवीना का मानना है कि हर चीज का एक वक्त होता है।

 

फिल्में सिर्फ जीवन का हिस्सा, पूरी जिंदगी नहीं: रवीना टंडन

फिल्मों के अलावा भी जिंदगी है
अभिनेत्री ने कहा, 'मैं जब काफी फिल्में कर रही थी तो उस समय मैंने अपना सौ फीसदी दिया था और मेरे पास इसके बाद परिवार और अन्य चीजें करने को थी। चीजें बदलती है। मैं जिंदगी जीना चाहती थी। मेरे पास पास आराम से फिल्में चुनने का मौका था। मुझे फिल्में चुनने की कोई जल्दबाजी नहीं थी।'

उम्र के हिसाब से आगे बढऩा चाहिए
बता दें कि रवीना टंडन की पिछली फिल्म 'मातृ' 2017 में रिलीज हुई थी। उनका मानना है कि किसी भी कलाकार को समय और उम्र के हिसाब से आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुझे चश्मे बद्दूर' और 'क्या कूल हैं हम' जैसी फिल्मों की पेशकश की गई थी लेकिन मैं उन फिल्मों को चुनूंगी जिनको लेकर मैं उत्साहित रहूंगी।

 

 

 

 



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