यूनानी चिकित्सा पद्धति में लीच थैरेपी के जरिए कई बीमारियों का इलाज किया जाता है। इसमें मेडिसिनल लीच (एक प्रकार की जोंक) से रोग दूर किए जाते हैं। इस जोंक की लार में 100 से ज्यादा जैविक तत्व होते हैं जो एंटीबायोटिक, दर्दनाशक व रक्त धमनियों को खोलने वाले होते हैं।
उपयोगी : जोड़ों का दर्द, त्वचा, कान, नाक व गले संबंधी रोग, डायबिटीज से पैरों में हुए जख्म, पाचन क्रिया व रक्तसंचार में गड़बड़ी, कफ व गंजेपन के लिए।
थैरेपी : शरीर के जिस हिस्से में यह थैरेपी करनी होती है वहां जोंक को छोड़ दिया जाता है। दूषित रक्त चूसने के बाद जोंक त्वचा से खुद ही अलग हो जाती है। इसमें मरीज को दर्द नहीं होता बल्कि जोंक के रैंगने का अहसास होता है।
उपचार - इस थैरेपी में इलाज एक से डेढ़ महीने तक चलता है जिसमें हफ्ते में 1-3 बार डॉक्टर को दिखाना पड़ता है। लंबी बीमारी में 3-4 माह तक इलाज चलता है। इस पद्धति में उपचार के बाद अक्सर रोगी को शरीर में खुजली महसूस होने लगती है जो 3-4 दिन में खुद ही ठीक हो जाती है।
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