अशोक का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसे इस्तेमाल कर हम कई बीमारियों से निजात और राहत पा सकते हैं। अशोक का रस कसेला, कड़वा और ठंडी प्रकृति का होता है। यह रंग निखारने वाला, ऊष्मा नाशक और सूजन दूर करने वाला होता है। यह रक्त विकार, पेट के रोग, बुखार और जोड़ों के दर्द को दूर करता है।
अशोक के बीज पानी में पीसकर लगभग दो चम्मच नियमित रूप से लेने पर मूत्र न आने की शिकायत दूर होती है। इससे पथरी में भी आराम मिलता है। अशोक की छाल के काढ़े में बराबर मात्रा में सरसों का तेल मिलाकर फोड़े-फुंसियों पर लगाने से लाभ मिलता है।
अशोक की छाल के चूर्ण में मिश्री समान मात्रा में मिलाकर,गाय के दूध के साथ एक-एक चम्म्मच दिन में तीन बार कुछ हफ्तों तक लेने से वाइट डिस्चार्ज में लाभ होता है। अशोक की छाल और ब्राह्मी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच सुबह-शाम एक कप दूध के साथ नियमित रूप से कुछ माह तक लेने से दिमाग तेज होता है।
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