
योग हमारे नर्वस सिस्टम को नियंत्रित कर शारीरिक व मानसिक परेशानियों से बचाता है। बोस्टन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता समूह का कहना है कि हमारी खोपड़ी (ब्रेन) के बेस से निकलने वाली सबसे बड़ी कॉर्नियल नर्व वेगस का काम है श्वसन, पाचन और नर्वस प्रणाली को नियंत्रित करना। यह एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की तरह काम करती है। योग वेग नर्व की टोनिंग करके हमारे तन और मन को नई ऊर्जा, उमंग व उत्साह प्रदान करता है। जानते हैं योग से होने वाले शारीरिक और मानसिक फायदों के बारे में -
महत्व को जानें -
योग शरीर को लचीला बनाता है। जो मुद्रा शुरू में असंभव लगती है वह अभ्यास के बाद संभव हो जाती है। लचीलेपन के कारण हमें दर्द व पीड़ा से राहत मिलती है।
मांसपेशियां मजबूत होने के साथ इतनी सक्षम भी होनी चाहिए कि हमें गठिया दर्द व बैक पेन से बचाएं। योग मांसपेशियों को लचीला व मजबूत बनाता है।
योग करते समय शरीर के सारे जोड़ पूरी क्षमता से घूमते हैं। इससे कम उपयोग में आने वाले कार्टिलेज भी फैलती या सिकुडऩे का अभ्यास करती हैं।
कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार योग स्ट्रेस हार्मोन के स्तर को घटाता है और हड्डियों में कैल्शियम की जरूरी मात्रा बनाए रखता है।
यह रक्त का प्रवाह बढ़ाता है। योग करने से कोशिकाओं को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है। साथ ही यह हीमोग्लोबिन व लाल रक्त कणिकाओं का स्तर भी बढ़ाता है। योग खून के थक्के भी घटाता है यानी हृदयाघात व स्ट्रोक का खतरा कम करता है।
योग करने से मांसपेशियां खिंचती हैं। इससे शरीर के अंगों के ऊत्तकों में आई सूजन में कमी आती है व शरीर की संक्रमण से लडऩे की क्षमता बढ़ती है और कैंसर कोशिकाएं नष्ट होती हैं।
एक अध्ययन का निष्कर्ष है कि प्राणायाम करने वाले ज्यादा देर कसरत व मेहनत कर सकते हैं।
तीन माह शवासन करने से ब्लडप्रेशर नियंत्रित रहता है।
यह कार्टिसॉल हार्मोन का स्तर घटाता है जिससे हम डिप्रेशन, ऑस्टियोपोरोसिस और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से बचते हैं। इससे कैलोरी बर्न होती है और मोटापा कम होता है।
यह शरीर में नुकसानदायक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाता है। मधुमेह रोगी नियमित योग करके हृदय, किडनी व आंखों से जुड़े रोगों के खतरे को कम कर सकते हैं।
इससे एकाग्रता व याददाश्त बढ़ती है। इससे धैर्य व सहनशीलता में भी इजाफा होता है।
इसके कई आसन जैसे प्राणायाम हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। योग फेफड़ों की कार्यप्रणाली सुधारता है।
योग कब्ज मिटाता है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर से दूषित पदार्थों की निकासी आसान हो जाती है। इससे पेट के कैंसर का खतरा घटाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार ' ओम के उच्चारण से सायनस खुलते हैं और नाक के अंदरुनी हिस्से की सफाई होती है।
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