जानिए, छोटे बच्चों के सिर पर टोपा पहनाने की सलाह क्यों देते हैं बुजुर्ग - My Breaking News

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Friday, 29 March 2019

जानिए, छोटे बच्चों के सिर पर टोपा पहनाने की सलाह क्यों देते हैं बुजुर्ग

बच्चे की मालिश सिर्फ मां ही क्यों करे
एलोपैथी के एक्सपट्र्स कहते हैं कि मालिश का शिशु के विकास में ज्यादा महत्व नहीं है। सिर्फ यह मालिश करने वाले और शिशु के बीच भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाता है। इसलिए यदि शिशु की मालिश करनी है तो मां ही करे। इससे दोनों का जुड़ाव बढ़ेगा। यदि कोई अन्य मालिश करता है तो शिशु का जुड़ाव उससे होगा। मां मालिश करती है तो यह टच थैरेपी यानी स्पर्श चिकित्सा के रूप में काम करेगी। इसमें तेल की भी खास भूमिका नहीं होती है। हां, नहलाने के बाद मालिश करने से बच्चे की त्वचा में नमी और उसके शरीर की स्वाभाविक उष्मा बनी रहेगी।

शिशु के सिर से होता है सर्वाधिक हीट लॉस
बच्चे को बंद कमरे में नहलाएं, तापमान में गर्मी हो और पानी गुनगुना होना चाहिए। नहलाने के तुरंत बाद उसके शरीर को ढंक दें। बच्चे के शरीर से सर्वाधिक उष्मा उसके सिर से बाहर निकलती है इसलिए बच्चों के सिर को ढंककर रखें। साथ ही हाथ-पैरों को भी दस्ताने-मौजों से पैक रखें। हमारे बुजेर्गों ने बच्चों को सिर पर टोपा पहनाने की जो परंपरा डाली थी वह सेहत के नजरिये से तब भी सही थी और आज भी डॉक्टर इसे अपनाने की सलाह देते हैं क्योंकि सिर से ही सबसे ज्यादा हीट लॉस होता है। इससे 90 फीसदी तक हीट लॉस बचाया जा सकता है।
गर्भ नाल हटाने के बाद कम हो सकता है बच्चे का शुगर लेवल
अब तक शिशु को गर्भ में नाल के जरिये ग्लूकोज व अन्य भोजन मिल रहा ता लेकिन जन्म के बाद नाल को हटा दिया जाता है। इससे शिशु में ग्लूकोज की कमी का खतरा बढ़ जाता है जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। उसके ब्लड में शुगर का लेवल कम हो सकता है जिसे हाइपोग्लेसिमिया कहा जाता है। शुगर लेवल डाउन जाने से बच्चे के ब्रेन को नुकसान हो सकता है। इसलिए शिशु के लिए संपूर्ण आहार के रूप में उसे मां का दूध ही पिलाने के लिए कहा जाता है क्योंकि इससे सभी तत्वों की पूर्ति हो जाती है।

(एक्सपर्ट: डॉ. बी.एस. शर्मा, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ)



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2OvsPDt

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages