जहां हम रहते हैं, काम करते हैं, वहां फर्स्ट-एड बॉक्स जरूर होना चाहिए। इसकी जगह फिक्स और इसे हमेशा अपडेट रखना चाहिए क्योंकि प्राथमिक उपचार के लिए ऐसा होना बेहद जरूरी है। फर्स्ट एड बॉक्स में विभिन्न आकार व प्रकार के बैंडेज, गॉज पेड्स, कैंची, प्लास्टिक का चिमटा, सामान्य पेनकिलर्स जिन पर एक्सपायरी दी हो, थर्मामीटर, टॉर्च, प्लास्टिक बेग, अस्पताल, फायर स्टेशन, डॉक्टर आदि के नंबर और यूजर गाइड होनी चाहिए। आइए जानते हैं प्राथमिक उपचार के तीन महत्वपूर्ण चरणों के बारे में।
सबसे पहले हालात को समझें। खतरा हो तो हड़बड़ी न दिखाएं। मदद के लिए पुकारें या कॉल करें। यदि आप खुद सुरक्षित हों तो घायलों की तरफ ध्यान दें और उनकी हर संभव मदद करने का प्रयास अवश्य करें।
इमरजेंसी नंबर को मोबाइल फोन में सेव करके रखें।
आपातकालीन स्थिति में मदद आने तक घायल व्यक्ति का ध्यान रखें। उसे अकेला न छोड़ें और उसका हौसला बढ़ाएं।
इन बातों का ध्यान रहे।
चोट साधारण हो तो घायल को संभालेंं व प्राथमिक उपचार करें।
घायल को पीठ के बल लिटा दें और उसका मुंह थोड़ा खोल दें।
हड्डी या मांसपेशी में चोट हो तो घायल को बिना हिलाए-डुलाए बर्फ का सेक करेंं।
रक्त का बहाव रोकने का प्रयास करें और सावधानी से बैंडेज लपेट दें।
व्यक्ति जल जाए तो ठंडा व साफ पानी डालें और जली त्वचा हटाने का प्रयास न करें।
प्राथमिक उपचार के बाद साबुन से हाथ धोना न भूलें।
घायल का उपचार तब ही करें, जब ऐसा करना जरूरी हो। मसलन चोट लगने से खून बह रहा हो तो साफ बैंडेज आदि से घाव को कवर कर देना चाहिए।
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