बॉलीवुड की कुछ आइकॉनिक फिल्में ऐसी हैं, जिनको कभी भुलाया नहीं जा सकता। इनमें से एक फिल्म है 'शोले'। रमेश सिप्पी निर्देशित, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार और जया बच्चन स्टारर फिल्म 'शोले' आज ही के दिन यानी 15 अगस्त को रिलीज हुई थी। आज इस फिल्म ने 43 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस फिल्म के गाने और डायलॉग आज भी अमिट हैं। 'शोले' के 43 साल पूरे होने पर महानायक अमिताभ बच्चन ने फिल्म की पुरानी तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों के साथ अमिताभ ने लिखा, 'शोले के 43 साल, 15 अगस्त को रिलीज हुई थी। इससे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है।'
धर्मेन्द्र ने भी शेयर की तस्वीरें:
अभिनेता धर्मेन्द्र ने भी 'शोले' के 43 साल पूरे होने पर फिल्म से जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। एक तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, 'एक वारिस, वारिस की जान ले लेता है, एक लावारिस लावारिस के लिए जान दे देता है।' यह तस्वीर फिल्म के उस सीन से जब 'वीरू'को गोली लग जाती है और वह 'जय' की बांहो में दम बांहों में दम तोड़ देता है। इसके अलावा उन्होंने फिल्म से जुड़ी कुछ और तस्वीरें भी शेयर की हैं।
फिल्म के बारे में कुछ अनजानी बातें, जो आप नहीं जानते होंगे:
T 2900 - 43 years of SHOLAY .. ! nothing more needs to be said .. released on Aug 15th .. pic.twitter.com/23nXsMKgX5
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) August 14, 2018
पहले दो हफ्तों तक फ्लॉप साबित हुई थी शोले:
फिल्म 'शोले' पहले दो हफ्तों तक फ्लॉप साबित हुई थी। दर्शक सिनेमाघरों तक नहीं पहुंचे। इसके चलते फिल्म का क्लाइमैक्स बदलने का भी फैसला कर लिया गया था। इसके बाद फिल्म के डायलॉग के अॉडियो को रिलीज किया जाए। यह आइडिया काम आया और बॉक्स अॉफिस पर शोले सुपरहिट साबित हुई।
ठाकुर का रोल करना चाहते थे धर्मेन्द्र:
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धर्मेन्द्र पहले इस फिल्म में 'ठाकुर' का रोल करना चाहते थे। जब उन्हें पता चला कि फिल्म में उनके अपोजिट हेमा 'बसन्ती' का रोल कर रही है तो वे 'वीरू' का रोल करने के लिए तैयार हो गए।
EK WARIS , WARIS KI JAAN LE LETA HAI , EK LAWARIS LAWARIS KE LIYE JAAN DE DETA HAI!!! pic.twitter.com/0c9kungvYl
— dharmendra deol (@aapkadharam) August 14, 2018
असली डाकू से प्रेरित था 'गब्बर सिंह'का किरदार:
'शोले' का सबसे पॉपुलर किरदार 'गब्बर सिंह' एक असल जिंदगी के एक डाकू से प्रेरित था। दरअसल ग्वालियर के पास गब्बर नाम का डाकू रहता था, जो पुलिस वालों की नाक कान काट लेता था। पहले गब्बर सिंह के रोल के लिए अभिनेता डैनी को अप्रोच किया गया था लेकिन वे अपनी किसी अन्य फिल्म की शूटिंग के लिए अफगालिस्तान गए हुए थे। इस वजह से बाद में यह रोल अमजद खान को दिया गया।
असली बंदूको और गोलियों का प्रयोग:
फिल्म के क्लाइमैक्स में असली बंदूक की गोलियों का प्रयोग किया गया था. कहा जाता है कि धर्मेंद्र की एक गोली अमिताभ को लग सकती थी लेकिन वह बहुत नजदीक से निकल गई।
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