कई दशकों तक भारतीय राजनैतिक पटल पर छाये रहने वाले अटल बिहारी बाजपेयी भारत माता के एक ऐसे सपूत हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के पहले से लेकर बाद में भी अपना जीवन अपने देश और देशवासियों के उत्थान एवं कल्याण हेतु जीया, इनकी वाणी से असाधारण शब्दों को सुनकर आम जन उल्लासित होते रहे और इनके कार्यों से देश का मस्तक हमेशा ऊंचा होता रहा । मघ्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर, 1924 को इनका जन्म हुआ, इनका जन्म 25 दिसम्बर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में- पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता कृष्णा देवी की संतान के रूप में हुआ था, अटल जी की कुंडली मेष लगन की, और लग्नेश मंगल का स्थान बारहवे भाव में हैं ।
शनि ने बनाया महान
सारी दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाले अटल जी की कुंडली में लगनेश से ग्यारहवे केतु है और लग्नेश से दसवें सूर्य गुरु वक्री बुध है, लग्नेश से नवे भाव में शुक्र चन्द्र है, लगनेश से अष्टम में शनि है । कुंडली के अनुसार केतु ही राज्य को देने वाला है तथा केतु से तीसरे भाव में लगनेश मंगल का होना पद के रूप में सर्वोच्च पद का देने वाला भी माना जाता है, इसलिए तो अटल जी को देश का सर्वोच्च पद और प्रतिष्ठा प्राप्त हुई । गुरु का स्वराशि में होना और सूर्य के साथ होना धर्म और कानून की रक्षा करने वाला भी माना जाता है । कुंडली के अनुसार जिस शनि ने अटल जी को महान बनाया अब वे ही शनि देव उनके जीवन के अंतिम समय जीवन और मृत्यु के बीच में संघर्ष के कारक भी होंगे । वर्तमान में अटल जी की कुंडली में शनि का साढ़े साथी दशा भी चल रही ।
देश सेवा के लिए विवाह नहीं किया
भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वालों में से एक अटल जी 1968 से 1973 तक जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे । जीवन भर भारतीय राजनीति में सक्रिय रहने वाले अटल जी ने लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया । अटल जी ने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ किया था और देश के सर्वोच्च पद पर पहुँचने तक उस संकल्प को पूरी निष्ठा से निभाया । अटल जी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे जिन्होने गैर कांग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के 5 साल बिना किसी समस्या के पूरे किए ।
भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी- पहले 16 मई से 1 जून 1969, फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे । अटल बिहारी वाजपेयी को विरासत में कविता और साहित्य मिले, यही कारण था की राजनीति में दिग्गज राजनेता, विदेश नीति में संसार भर में समादृत कूटनीतिज्ञ, लोकप्रिय जननायक और कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ ये एक अत्यंत सक्षम और संवेदनशील कवि, लेखक और पत्रकार भी रहे हैं ।
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