ज्योतिष की दुनिया में रत्नों का भी अपना अलग महत्व माना जाता है। वहीं रत्न विशेषज्ञों के अनुसार कुंडली के दोषों को रत्न धारण करने से भी दूर किया जा सकता है। क्योंकि ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बुरे ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति के जीवन पर बुरे प्रभाव पड़ते हैं और उन्हीं बुरे प्रभावों के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी तरफ देखा जाए तो रत्नों की सहायता से कुंडली के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। रत्नों को हम ना सिर्फ ग्रहों की स्थिति ठिक करने व उनके बुरे प्रभावों को कम करने के लिए ही नहीं बल्कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को लिए भी धारण कर सकते हैं। यदि आप स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो आप मेडिकल उपचार के साथ-साथ रत्न का भी सहारा ले सकते हैं। क्योंकि रत्नों से निकलने वाली किरणें और ऊर्जाएं आपके पूरे शरीर पर अपना प्रभाव डालती हैं, ये प्रभाव अलग-अलग रत्नों की किरणों का अलग-अलग होता है। आइए जानते हैं कौन सा रत्न धारण करना आपके स्वास्थ्य से जुड़ी किस समस्या का निदान हो सकता है।
पन्ना रत्न
कन्या राशि वाले जातकों के लिए पन्ना शुभ माना जाता है। पन्ना को बुध रत्न का प्रतीक माना जाता है इसलिए बुध से संबंधित समस्याएं जैसे दिमागी विकार, कान और दृष्टि से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है। जिन्हें इससे संबंधित कोई भी परेशानियां हो वे इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
हीरा रत्न
तुला राशि के जातक हीरा रत्न धारण कर सकते हैं। हीरा शुक्र ग्रह से जुड़ी समस्याओं का समाधान है। शुक्राणुओं की कमी, नशे की आदत या किसी प्रकार के चर्मरोग को दूर करने में यह रत्न कारगर सिद्ध होता है।
नीलम रत्न
कुंभ और मकर राशि वाले जातकों के लिए नीलम रत्न धारण करना काफी शुभ प्रभाव देता है। यह रत्न शनि के प्रभावों को कम करता है। वहीं नीलम रत्न को धारण करने से दांपत्य सुख में बढ़ोत्तरी होती है साथ ही साथ ट्यूमर, जोड़ों के दर्द, घाव में सड़न होना, सांस या अंडकोष से जुड़ी बीमारियों के लिए कारगार होता है।
माणिक्य रत्न
सिंह राशि के जातकों के लिए माणिक्य रत्न धारण करना शुभ माना जाता है। यह रत्न कुंडली में सूर्य से जुड़े दोषों को दूर करता है। माणिक्य रत्न कुंडली में सूर्य की स्थिति के अनुसार धारण किया जाता है। इसके अलावा यह सिर, हृदय, पेट और नेत्रों को प्रभावित करता है।
मोती रत्न
कर्क राशि वालों के लिए यह रत्न बहुत फायदेमंद साबित होता है। यह चंद्र से जुड़ा रत्न है जो त्वचा, सांस और मस्तिष्क से जुड़े रोगों को दूर करता है। मोती धारण करने से पाचन तंत्र से जुड़ी सम्स्याएं भी दूर होती हैं और साथ ही यह रत्न आपको भावनात्मक तौर से भी संतुलित रखता है।
पुखराज रत्न
धनु राशि का यह रत्न कुंडली में बृहस्पति से जुड़े दोषों को शांत करता है। यह दांपत्य जीवन को सुखमय बनाता है और साथ ही गर्भाशय और जननांगों से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
गोमेद रत्न
राहु के प्रभाव को शांत करने के लिए ज्योतिषशास्त्री गोमेद धारण करने की सलाह देते हैं। जिन लोगों की कुंडली में राहु नुकसान पहुंचाने की स्थिति में होता है उन्हें गोमेद पहनना चाहिए। इसके अलावा 4 मूलांक वाले लोग भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
रत्न विशेषज्ञों के अनुसार रत्नों को धारण करने से कुंडली की समस्याओं को दूर किया जा सकता है लेकिन किसी रत्नों का जीतना शुभ प्रभाव पड़ता है उतना ही गलत रत्न को धारण करने पर उसका बुरा प्रभाव भी पड़ता है इसलिए सलाह के अनुसार किसी अच्छे जानकार के सुझाव के बिना इन्हें धारण करना नकारात्मक प्रभाव भी दे सकता है। रत्नों को बिना उचित सलाह के धारण नहीं करना चाहिए।
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