देशभक्ति पर आधारित ये फिल्म जिसने देखी आंखो से आंसू नहीं रोक पाया... - My Breaking News

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Monday, 13 August 2018

देशभक्ति पर आधारित ये फिल्म जिसने देखी आंखो से आंसू नहीं रोक पाया...

बॅालीवुड इंडस्ट्री में वक्त के साथ काफी बदलाव आए हैं। जैसे-जैसे नई तकनीकों का उपयोग हुआ फिल्मों को बनाने का तरीका भी बदलता गया। भारतीय सिनेमा में कई फिल्में ऐसी रही हैं जिन्होंने वास्तविक कहानियों को बड़ी खूबसूरती से पर्दे पर परोसा है। पिछले जमाने में जहां फिल्मों में स्क्रिप्ट, अच्छा अभिनय और निर्देशन पर ध्यान दिया जाता था आज वहीं बड़ा बजट, मॉर्डन तकनीक और उपयुक्त संसाधन पर पहले ध्यान दिया जाता है। पुरानी फिल्मों में निर्देशक और कलाकार बेहद सीमित संसाधनों में ही कमाल कर जाते थे। बता दें पुराने जमाने में कई फिल्में देशभक्ती पर आधारित होती थीं। उसी दौरान एक ऐसी कामयाब फिल्म बनी थी जिसने सिनेमा को एक नया नजरिया दिया था। वो फिल्म थी साल 1964 में रिलीज हुई धर्मेंद्र और बलराज साहनी स्टारर फिल्म 'हकीकत'।

 

dharmendra

1962 के भारत चीन युद्ध की कहानी बयां करती इस फिल्म को देखने के बाद दर्शक आंखों से आंसू पोंछते हुए सिनेमाघरों से बाहर निकले थे। फिल्म की कहानी और संगीत दिलों को छू लेने वाला था। देशभक्ति से भरी यह फिल्म चीन के साथ भारत की जंग की उस कहानी को बताती है जब जवानों ने बिना भूख-प्यास, परिवार, दर्द और तकलीफों की परवाह किए अपनी जान देश पर न्यौछावर कर दी। उस जमाने में इस तरह की फिल्म लेकर आना बहुत बड़ी बात थी। यह फिल्म तब की है जब भारत वर्षों की गुलामी से आजाद हुआ था।

श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटने पर लोगों ने उठाए थे सवाल, वजह जानकर बंद हो गई थी जुबान

 

dharmendra

उस दौराम देश के हालात ठीक नहीं थे। लोगों के पास खाने-पीने तक को नहीं होता था। सेना भी इन हालातों से अछूती नहीं थी। लेकिन बावजूद इसके देशभक्ति का जज्बा ऐसा था कि बिना उपयुक्त हथियारों और बुनियादी संसाधनों के ही जवान मुल्क की रक्षा के लिए सीमा पर भिड़ गए।

मां और भाई संग सारा अली खान ने मनाया बर्थडे, पार्टी में नजर नहीं आए सैफ-करीना

dharmendra

उस दौरान भारतीय जवानों के पास पहनने को कपड़े नहीं थे, गोला बारूद नहीं था, लेकिन उनमें देशभक्ति का ऐसा जज्बा था कि राइफल में लगे चाकू के दम पर ही हजारों की तादात में सैनिक सीमा पर लड़ते रहे। तमाम जवान शहीद हुए। ये वो दौर था जब देश की महिलाओं ने प्रधानमंत्री युद्ध कोष में मदद के लिए अपने मंगलसूत्र तक दे दिए थे। उस दौरान आई इस फिल्म ने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए थे। शायद ही कोई ऐसा भारतीय हो जो इस फिल्म को देखकर न रोया हो।

देश को आजादी दिलाने के लिए जान की कुर्बानी दी इन 6 फ्रीडम फाइटर्स ने, इनके जीवन पर बनी हैं ये फिल्में



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2Ownv1o

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages