डाइट पर कंट्रोल से थायराइड रहेगी दूर - My Breaking News

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Friday, 17 August 2018

डाइट पर कंट्रोल से थायराइड रहेगी दूर

आप क्या खाते हैं और आपकी पूरी डाइट पर आपके थायराइड की स्थिति निर्भर करती है। थायराइड ग्रंथि का मुख्य कार्य खाने से आयोडिन का निकालना और थायरॉक्सिन टी4 व टराइडोथायरोनिन टी3 जैसे थायरॉइड हॉर्मोन में इसे बदलना होता है। आयोडिन का असंतुलन थायराइड की बीमारियों की मुख्य वजह होती है। हालांकि इसे खानपान और एक्सरसाइज के जरिए नियंत्रण में रखा जा सकता है।

हर उम्र में यह बीमारी
थायराइड से जुड़ी बीमारियां हर उम्र के लोगों में दिखाई दे रही हैं। बढ़ती उम्र के साथ इसके बढऩे का खतरा भी बढ़ता जाता है। भारत में 42 मिलियन लोग विभिन्न तरह के थायराइड की बीमारी से जूझ रहे हैं और कई लोगों को इस बीमारी के बारे में पता तक नहीं है। थायराइड से जुड़ी बीमारी के लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते, जिससे एक तिहाई लोगों को पता नहीं होता कि उन्हें थायरॉइड से जुड़ी कोई बीमारी है।

ऐसे करें कंट्रोल
आयोडिन बढ़ाएं
विटामिन बी6, विटामिन सी, मैग्नीज व अन्य तत्वों के सहयोग से टी3 और टी4 निर्माण के लिए थायराइड ग्लैंड को आयोडिन और अमीनो एसिड की जरूरत होती है। ऐसे में आयोडीन का सेवन बढ़ाना चाहिए। आयोडाइज्ड नमक के अलावा आयोडीन युक्त चीजें जैसे केला, गाजर, स्ट्रॉबेरी, दूध, दही, अनानास आदि का सेवन करना चाहिए।

हैल्दी डाइट लें
सब्जियां और फलों का सेवन करना चाहिए और हेल्दी फैट्स जैसे ओलिव ऑयल, नारियल तेल, नट बटर्स आदि खाना चाहिए।

क्या होता है थायराइड
थायराइड ग्रंथि थायरॉक्सिन टी4 और टराइडोथायरोनिन टी3 के स्त्राव में अहम भूमिका निभाता है। यह दोनों हॉर्मोन शरीर में ऑक्सिजन का स्तर बढ़ाने और नए प्रोटीन निर्माण के लिए कोशिकाओं को उत्तेजित करने का काम करता है। जब शरीर में थायराइड हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, तब टीएसएच का निर्माण भी रुक जाता है। इससे थायराइड ज्यादा टी3 और टी4 बनाना भी रोक देता है।

हाइपो थायराइड
ऐसी स्थिति में थायराइड ग्लैंड पर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन का निर्माण नहीं करती है। ऐसे में टी3 और टी4 का सामान्य रेंज बनाए रखने के लिए थायरॉइड स्टिम्यूलेटिंग हॉर्मोन टीएसएच का स्तर बढ़ जाता है।

लक्षण
थकान रहना, वजन बढऩा, बाल झडऩा, याद्दाश्त कमजोर होना, नींद न आना, कोलेस्ट्रॉल और टाइग्लिसराइड्स का बढऩा, विटामिन डी कम होना, डिप्रेशन, जोड़ों में दर्द, हाथ पैर का ठंडा होना आदि।

हाइपर थायराइडिज्म
इस स्थिति में थायराइड ग्रंथि ज्यादा सक्रिय होकर शरीर अत्यधिक मात्रा में टी3 और टी4 हॉर्मोन का निर्माण करती है। इसके अलावा थायराइडिटिस ऐसी स्थिति होती है जिसमें थायराइड में सूजन, जलन और इरिटेशन से रक्त में अत्यधिक थायराइड का प्रवेश हो जाता है। इससे दर्द और बेचैनी होती है।

लक्षण
दिल की धडक़न का बढऩा, भूख बढऩा, गर्मी के प्रति संवेदनशील होना, घबराहट होना और अचानक वजन का कम होना।

बच्चे भी हो रहे हैं शिकार
कम उम्र के बच्चे भी थायराइड का शिकार हो रहे हैं। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों में शुरू से ही नियमित एक्सरसाइज और आउटडोर गेम्स की आदत डालें। दरअसल शारीरिक मेहनत नहीं करने पर बच्चे को थायराइड के अलावा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।

इनसे बचें
प्रॉसेस्ड फूड यानी जिनमें शुगर, डाइज, आर्टिफिशियल फ्लेवर और स्वीवटनर हो उनके सेवन से बचें। ऐसी चीजों का सीधा असर थायराइड पर पड़ता है।

रखें ध्यान
गोभी, पत्तागोभी जैसी कू्रसीफेरस सब्जियों को हमेशा पका कर ही खाएं। इनमें कुछ प्राकृतिक कैमिकल्स होते हैं जो थायराइड के लिए अच्छा नहीं होते। पकाने पर यह कैमिकल नष्ट होने के साथ ही इनकी पौष्टिकता बढ़ती है और एंटीऑक्सिडेंट्स भी मिलते हैं।

एक्सरसाइज जरूरी
नियमित एक्सरसाइज करें। प्रति सप्ताह 2-3 बार कार्डियो, साइक्लिंग और स्विमिंग कर सकते हैं। सर्वांगासन खासतौर पर थायराइड के लिए लाभकारी होता है।

हाइडे्रट रहें
शरीर के तापक्रम को नियंत्रित रखने के लिए ज्यादा मात्रा में पानी पीएं। इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और तेजी से वजन भी घटता है।

नींद भी लें
पर्याप्त नींद लेना चाहिए। इससे शरीर की प्रत्येक कोशिका उर्जावान हो जाती है और फ्रेश महसूस करते हैं।

स्मोकिंग से दूर
स्मोकिंग और अल्कोहॉल से दूरी बनाएं क्योंकि यह थायराइड ग्रंथि के कार्यों को कम करते हैं और हॉर्मोन के निर्माण को रोक देते हैं।

खुद न लें दवाई
थायराइड का लक्षण दिखाई देने पर खुद से दवाइयां लेने की बजाय डॉक्टर से सलाह लें। कई बार यह स्थिति जटिलता पैदा कर सकते हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2PjU4k6

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages