कहा जाता हैं कि नागपंचमी पर नागों की पूजा करने से धन के साथ, आध्यात्मिक शक्ति भी मिलती है । हिंदू परंपरा में नागों को देवता मानकर उनकी पूजा का विशेष महत्व है, नागों की पूजा सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी पर्व को मनाते हुए भगवान शिव के आभूषण नागों की पूजा की जाती है । रूप में मनाया जाता हैं । अगर किसी व्यक्ति को धन संबंधित आर्थिक परेशानी है, या जन्मकुंडली में कोई ग्रह अशुभ असर डाल रहा हो तो इस नागपंचमी को इस टोटके को जरूर आजमाएं । नागों की पूजा करके अपार धन की प्राप्ति की जा सकती है ।
ऐसे करें पूजन
1- सुबह जल्दी स्नान करके नागों की पूजा शिव के अंश के रूप में और शिव के आभूषण के रूप में ही करना चाहिए । पूजन में पहले भगवान शिव का पूजन स्मरण, जलाभिषेक कर, बेहपत्र, पुष्प अर्पित करें ।
2- शिव पूजन के बाद शंकर जी के गले में विराजमान नागों की पूजा करे, नागों को हल्दी, रोली, चावल और फूल अर्पित करे । इसके बाद चने, खील बताशे और थोड़ा सा कच्चा दूध प्रतिकात्मक रूप से अर्पित करे ।
3- घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाकर उनकी विधिवत पूजा करें । ऐसा करने से आर्थिक लाभ होने के साथ घर पर आने वाली विपत्तियां भी टल जाती हैं ।
4- एक तांबे के लोटे में गंगाजल लेकर- ऊँ कुरु कुल्ले फट् स्वाहा' इस मंत्र का उच्चारण करते हुए अपने पूरे घर में सिद्ध किया हुआ गंगाजल छिड़कें । इससे नाग देवता का आर्शीवाद पूरे परिवार को मिलेगा, एवं भगवान शंकर की कृपा भी होगी ।
राहु केतु की शांति के लिए
एक बड़ी सी रस्सी में सात गांठें लगाकर प्रतिकात्मक रूप से उसे सर्प बना लें, इसे एक आसन पर स्थापित करने के बाद इस पर कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित करने के बाद गुग्गल की धूप भी दिखावें । इसके पहले राहु के मंत्र 'ऊं रां राहवे नम:' का 108 बार जप करने के बाद केतु के मंत्र 'ऊं कें केतवे नम:' का भी 108 बार जप करें । मंत्र जप पूरा होने के बाद भगवान शिवजी का स्मरण करते हुए रस्सी की गांठ एक-एक करके खोल लें एवं उस रस्सी को किसी भी बहती हुई नदी में प्रवाहित कर दें । राहु और केतु से संबंधित जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाएगी ।
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