रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्यार और रिश्ते का पर्व माना जाता है। इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन का त्यौहार 26 अगस्त 2018 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के त्यौहार के पीछे एक कथा प्रचलित है। शास्त्रओं में पौराणिक कथा के अनुसार देवी लक्ष्मी ने सबसे पहले दैत्यराज बलि को राखी बांधी थी। देवी लक्ष्मी नें देत्यराज बलि को अपना भाई बनाया था। त्यौहार को व्यवहारिक रूप से देखा जाए तो यह भाई-बहन के बीच के प्यार का पर्व माना जाता है।
रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी कलाई पर रक्षासूत्र यानी राखी बांधती हैं, वहीं भाई इस दिन अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है। हमारे सनातन धर्म में सामाजिक दृष्टि व पारिवारिक दृष्टि से देखा जाए तो कई प्रथाएं प्रचलित हैं, जिनके माध्यम से त्यौहार के महत्व को और भी बढ़ा देती हैं। इस त्यौहार के माध्यम से आपस में प्यार और रिश्ते में मिठास भी बनी रहती हैं। प्राचीनकाल से सगे भाई-बहन के अभाव में मुंहबोले भाई-बहनों का संबंध प्रचलित है। जिनके मध्य किसी प्रकार का रक्त संबंध न होकर केवल राखी का संबंध हुआ करता है। यह पर्व भाई-बहन के बीच निश्छल प्रेम और विश्वास का त्यौहार माना जाता है।
इस साल पंचक में क्यों बांधी जाएगी राखी
इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व हर साल के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रविवार, 26 अगस्त 2018 के दिन मनाया जाएगा। ज्योतिष के अनुसार पंचक में कोई कार्य नहीं किया जाता। लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन पर कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जिसके कारण पंचक में ही राखी बांधनी होगी। इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन पंचक रहेगा। अगस्त माह में पंचक 25 अगस्त से प्रारंभ होकर 30 अगस्त तक रहेगा। रक्षाबंधन के दिन दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा इसके बाद शतभिषा नक्षत्र शुरु होगा। ये दोनों ही नक्षत्र पंचककारक हैं इस कारण इस बार पंचककाल में राखी बांधी जाएगी।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2OQPKIe
No comments:
Post a Comment