डायबिटीज मेलिटस बेहद गंभीर मैटाबोलिक विकार है, जिसके चलते शरीर में शुगर यानी काबोर्हाइड्रेट का अपघटन सामान्य रूप से नहीं होता। इसका बुरा असर दिल, खून की वाहिकाओं, किडनी और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर पड़ सकता है। कई सालों तक बीमारी के बाद व्यक्ति की देखने की क्षमता भी जा सकती है।
नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट और समन्वयक डॉ. निखिल मल्होत्रा का कहना है कि मधुमेह के दो मुख्य प्रकार हैं -टाईप 1 और टाईप 2। दोनों तरह का मधुमेह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बच्चों में टाईप 1 मधुमेह की संभावना अधिक होती है।
डॉ. मल्होत्रा ने एक बयान में कहा, ''बच्चों को आम तौर पर थकान, सिर में दर्द, ज्यादा प्यास लगने, ज्यादा भूख लगने, व्यवहार में बदलाव, पेट में दर्द, बेवजह वजन कम होने, खासतौर पर रात के समय बार-बार पेशाब आने, यौन अंगों के आस-पास खुजली होने पर उनमें मधुमेह के लक्षणों को पहचाना जा सकता है। बच्चों में टाईप 1 डायबिटीज के लक्षण कुछ ही सप्ताहों में तेजी से बढ़ जाते हैं। टाईप 2 मधुमेह के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कई मामलों में महीनों या सालों तक इनका निदान नहीं हो पाता।"
डॉक्टर मल्होत्रा के अनुसार, ''डायबिटीज से पीडि़त बच्चों को इंसुलिन थेरेपी दी जाती है। अक्सर निदान के पहले साल में बच्चे को इंसुलिन की कम खुराक दी जाती है। इसे 'हनीमून पीरियड' कहा जाता है। आमतौर पर बहुत छोटे बच्चों को रात में इंजेक्शन नहीं दिए जाते, लेकिन उम्र बढऩे के साथ रात को इंसुलिन शुरू किया जाता है।"
उन्होंने कहा कि मोटे बच्चों में टाईप 2 मधुमेह की संभावना अधिक होती है। गतिहीन जीवनशैली के कारण शरीर इंसुलिन और रक्तचाप पर नियन्त्रण नहीं रख पाता। चीनी से युक्त खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें। ज्यादा चीनी से बने खाद्य पदार्थों के सेवन ने वजन बढ़ता है, जो शरीर में इंसुलिन स्तर के लिए खतरनाक है। विटामिन और फाईबर से युक्त संतुलित, पोषक आहार के सेवन से टाईप 2 डायबिटीज की संभावना को घटाया जा सकता है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2DoP0Yz
No comments:
Post a Comment