कोई बीमारी या शारीरिक परेशानी आते ही आप संकल्प लेते हैं। लेकिन कुछ दिनों में पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं। नीचे दिए गए सवालों का जवाब देकर खुद को परख लीजिए।
1. आप शरीर को नहीं, सुविधा व खर्च को ध्यान में रखकर आदतें बनाते हैं ?
अ: सहमत
ब: असहमत
2. आपको लगता है कि सेहत केवल उन्हीं की ठीक रहती है जिनके पास समय होता है ?
अ: सहमत
ब: असहमत
3. आपके पास समय या पैसा हो तो भी आप उसे सेहत की बजाय किसी अनुपयोगी काम में खर्च करते हैं?
अ: सहमत
ब: असहमत
4. आपको सेहत का अनुशासन पसंद नहीं क्योंकि आप शरीर से समझौते व लालच करते हैं?
अ: सहमत
ब: असहमत
5. आपके बहानों की लिस्ट में ऊपर है- क्या करूं, भगवान ने शरीर ही ऐसा दिया है?
अ: सहमत
ब: असहमत
6. आपके सेहत सुधारने के संकल्प अधूरे रह जाते हैं तो खुद को जिम्मेदार नहीं मानते?
अ: सहमत
ब: असहमत
7. सुबह जल्दी उठने का संकल्प आप बरसों से ले रहे हैं लेकिन वह आज तक पूरा नहीं हुआ?
अ: सहमत
ब: असहमत
8. आप शरीर और सेहत की उपयोगिता समझते हैं लेकिन मनोबल साथ नहीं देता?
अ: सहमत
ब: असहमत
9. आप दूसरों की सेहतमंद आदतों को देखकर प्रशंसा तो करते हैं लेकिन उनसे सीखते नहीं?
अ: सहमत
ब: असहमत
स्कोर और एनालिसिस -
आप 'बातों के वीर' हैं: यदि आप 7 या उससे ज्यादा सवालों से असहमत हैं तो आप सिर्फ बातें बनाते हैं। आपने खुद को समझाते-समझाते दूसरों को भी सिर्फ बताने की आदत डाल ली है। इसे बदलकर अच्छी सेहत की ओर लौटना है तो आज से बातें बंद और जो सोचा है उसे करना शुरू कर दीजिए। असली फायदा तब होगा जब आप शरीर को काम पर लगाएंगे।
आप जो कहते हैं, करके दिखाते है: यदि आप 7 या उससे ज्यादा सवालों से सहमत हैं तो आप इच्छाशक्ति और आत्मबल के धनी हैं। आपकी बातों में वजन व तर्कों में अनुभव समाया होता है। सेहत भी आपका इसीलिए साथ देती है क्योंकि आप अपने से झूठ नहीं कहते। खुद से किए वादे आपको खुद की नजर में उठाए रखते हैं। अपने कहे पर कायम रहें, स्वस्थ बने रहेंगे।
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