भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल, काम का दबाव आदि विभिन्न कारणों से लोग मानसिक रोगों से घिरते जा रहे हैं। ऐसे लोगों में इन विकारों के सही कारणों का पता लगाकर सही इलाज किया जाना चाहिए। साथ ही कोशिश करनी चाहिए कि उसके घर-परिवार और आसपास का माहौल हल्का-फुल्का और उत्साहपूर्ण बना रहे। यूनानी दवा के जरिए मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाकर विभिन्न विकारों पर अंकुश लगाया जा सकता है।
इन दवाओं का करें प्रयोग : इकसीरे शिफा की एक गोली रात को सोते समय बीस एमएल दूध के साथ लें। 5-10 ग्राम माजून नजाह भी रात को सोते समय दूध के साथ ले सकते हैं। लगभग तीस एमएल अहमद शाही शर्बत पानी में मिलाकर सुबह पिएं। इनके अलावा रोगन खशखाश सिर पर लगाएं और नाक व कान में एक-दो बूंद डालें। कोई भी दवा विशेषज्ञ की देखरेख में ही ली जानी चाहिए।
पारिवारिक तनाव से बच्चों में मोटापा -
स्वीडन की लिंकोपिंग यूनिवर्सिटी के रिसर्चर के मुताबिक यदि आप अपने बच्चों में मोटापे को नियंत्रित करना चाहते हैं तो उनके तनाव के स्तर पर नजर रखें। शोधकर्ता फेलिक्स सेबस्टियन कोच ने अपनी टीम के साथ करीब 7500 परिवारों के नवजात शिशुओं की सेहत पर तीन साल तक निगरानी की। उन्होंने पाया कि आमतौर पर टेंशन और मानसिक दबाव में रहने वाले परिवारों के बच्चों में तीन साल की उम्र तक होते-होते मोटापे के लक्षण नजर आने लगे थे। दरअसल तनाव, लेप्टिन नामक हार्मोन के उत्पादन को बाधित करता है, यह हार्मोन दिमाग को पेट भर जाने का संकेत देता है। इसके बाधित होने से बच्चे ज्यादा भोजन करने लगते हैं व मोटापे के शिकार हो जाते हैं।
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