काम की बात
हर मौसम में मिलने वाला केला अति पौष्टिक, स्वादिष्ट, मीठा, शक्तिशाली और नेत्र दोषों को दूर करने में उपयोगी है। इसे रोजाना खाने से शरीर मजबूत होने के साथ-साथ वात, पित्त, कफ और वाइट डिस्चार्ज जैसे रोगों में आराम मिलता है।
माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होने पर पके केले को दूध में मसल कर खाना लाभकारी होता है।
बार-बार यूरिन आने की समस्या हो तो इसे घी के साथ खा सकते हैं।
जले हुए स्थान पर केला मसलकर लगाने से जलन दूर होकर आराम मिलता है।
दाद होने पर नींबू के रस के साथ इसका पेस्ट बनाकर लगाने से राहत मिलती है।
पेट की जलन व इस अंग के अन्य रोगों में केले को चीनी के साथ खाने से लाभ होता है।
अल्सर में कच्चा केला काफी उपयोगी है। चोट लगने पर खून का बहाव रोकने के लिए केले के डंठल का रस लगाना लाभकारी होता है। केला छोटे बच्चों के लिए उत्तम व पौष्टिक आहार माना गया है।
केले में मैगनीशियम की प्रचुर मात्रा होती है जिससे धमनियों में रक्त का प्रवाह सही रहता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नहीं बढ़ता।
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