साल 2019 में 4 मई शनिवार को वैशाख मास की अमावस्या तिथि है । हिन्दू वर्ष का दूसरा माह होता है वैशाख का महीना । कहा जाता है कि त्रेता युग का आरंभ वैशाख मास में ही हुआ । इस वजह से वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है । दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है । अगर कोई पितृ दोष या काल सर्प दोष से पीड़ित हो तो वे इस दिन पित्रों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए यह अचूक उपाय जरूर करें ।
वैशाख अमावस्या 4 मई दिन शनिवार 2019
वैशाखी अमावस्या पर अपने पित्रों के मोक्ष की कामना से व्रत उपवास अवश्य रखें । कहा जाता है कि इस दिन पित्रों के निमित्त जो भी उपाय, दान, पुण्य आदि के कार्य किये जाते हैं, उससे तृप्त होकर हमारे पूर्वज हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं ।
वैशाखी अमावस्या के दिन इतना जरूर करना चाहिए-
1- इस दिन पवित्र नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए । जल में काले तिल मिलाकर पित्रों के निमित्त तर्पण करना चाहिए ।
2- पित्रों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें एवं किसी गरीब व्यक्ति को भोजन करना या दान-दक्षिणा देना चाहिए ।
3- वैशाखी अमावस्या के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव का तिल, तेल और पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए ।
4- वैशाखी अमावस्या के दिन सूर्योदय के समय पीपल के पेड़ पर मीठी जल चढ़ाना चाहिए ।
5- वैशाखी अमावस्या को पित्रों की कृपा पाने के लिए सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का एक दीपक जलाना चाहिए ।
6- वैशाखी अमावस्या के दिन तर्पण के साथ पिंडदान भी करने का नियम है, इसलिए अपने घर या किसी पवित्र तीर्थ स्थल पर जाकर तर्पण एवं पिंडदान करना चाहिए ।
ऐसी मान्यता है कि उपरोक्त उपाय करने से पितृ तृप्त होकर मनवांछित फल प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं ।
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