ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सचेत
आम धारणा है कि हिचकी किसी के याद करने से आती है, लेकिन ऐसा नहीं है। यह सांस लेने में जब तकलीफ होती है तो आती है। छाती और पेट के बीच की मांसपेशी जिसे डायफ्राम कहते हैं सांस लेने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाती है। जब किसी कारण डायफ्राम में सिकुडऩ आती है तो फेफड़े तेजी से हवा अंदर खींचते हैं जिससे सांस लेने में बाधा आती है। इस स्थिति में ही हिचकी आती है। इसके कई अन्य कारण हैं। जैसे जल्दबाजी में भोजन, जोर-जोर से हंसना, तनाव, खून की कमी, गैस्ट्रिक प्रॉब्लम, दवाओं का दुष्प्रभाव,पुरानी बीमारी या ब्रेन ट्यूमर आदि। बार-बार हिचकी आए या उसके साथ बुखार, दर्द, उल्टी जैसे लक्षण हों तो हिचकी खतरनाक हो सकती है। 3 घंटे से ज्यादा हिचकी आए तो डॉक्टरी सलाह लें।
ये करें
एक चम्मच चीनी मुंह में डालें। ध्यान भटकाएं। गहरी सांस लें। एक गिलास पानी तुरंत पीएं। नींबू का ताजा रस एक चम्मच शहद के साथ लें। 3 कालीमिर्च को चीनी या मिश्री के टुकड़े के साथ चबाएं। कानों को 20 सेकंड के लिए बंद करें। आयुर्वेद में मयूरपिछिका भस्म 2-2 रत्ती शहद के साथ चाटें।
पीयूष त्रिवेदी, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ
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