नकसीर, चक्कर व लो-हाई बीपी जैसी आम परेशानियां हैं। फर्स्ट एड के रूप में इन तरीकों को अपनाकर स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि पीड़ित की स्थिति गंभीर नहीं लग रही है तो ही फर्स्ट एड के प्रयास करने चाहिए वर्ना बिना समय गंवाए उसे अस्पताल की इमरजेंसी या मेडिकल सुविधा वाले सबसे करीबी केंद्र पर ले जाना चाहिए।
चक्कर आने की स्थिति में : दो चम्मच चीनी व चौथाई चम्मच नमक का घोल बनाकर दें व नाक और मुंह के बीच वाले स्थान को दबाएं। ध्यान रहे चीनी व नमक के घोल वाला उपाय सामान्य लोग ही करें। हाई बीपी व डायबिटीज के मरीज न करें। वे फर्स्ट एड के तौर पर नाक व मुंह के बीच वाले स्थान को दबाने वाला तरीका आजमा सकते हैं।
लो-ब्लडप्रेशर : हथेली-तलवे ठंडे होकर उनमें पसीना आना इसके लक्षण हैं। एेसा होने पर दोनों हथेलियों व तलवों को 5-10 मिनट तक रगड़ें।
हाई ब्लडप्रेशर : सांस में तकलीफ, घबराहट व पसीना आना इसके लक्षण हैं। ऐसा होने पर आज्ञाचक्र (माथे पर बिंदी लगाए जाने वाला स्थान) को एक से डेढ़ मिनट तक दबाएं। इसके अलावा दोनों हाथों की सबसे छोटी अंगुली के नाखून दबाएं।
सीने में तेज दर्द या जलन : एेसे में हाथ की कलाई को एक रुमाल से कसकर बांधें व देर किए बगैर अस्पताल ले जाएं। इससे क्लॉटिंग की आशंका कम होगी।
गले में सिक्का अटकने पर : कई बार छोटे बच्चे सिक्का या कोई अन्य चीज निगल लेते हैं, जिससे वह गले में फंस जाती है। एेसा होने पर बच्चे को खड़ा करके मुंह में रुमाल फंसाते हुए सिर के पीछे की तरफ बांध दें। इससे वह लंबी सांस नहीं लेगा। लंबी सांस लेने से सिक्का अंदर जाकर आंतों में फंस सकता है। फिर आगे की ओर झुकाकर एक हाथ नाभि पर रखें व दूसरे हाथ से थपथपाएं। फंसी चीज बाहर आ जाएगी।
नकसीर फूटने पर : व्यक्ति को जमीन पर सीधा लेटाएं व पैरों को एक से डेढ़ फीट की ऊंचाई पर किसी मेज आदि पर रखें। उसके बाद सिर पर ठंडी पट्टी या आइसबैग रखें व गीली मिट्टी सुंघाएं।
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