नागपंचमी पर करें श्री नाग देवता की आरती - My Breaking News

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Tuesday, 14 August 2018

नागपंचमी पर करें श्री नाग देवता की आरती

ईश्वर पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है, आरतीं, शास्त्रों में आरती को ‘आरक्तिका’ ‘आरर्तिका’ और ‘नीराजन’ भी कहते हैं । पर्व त्यौहार, किसी भी प्रकार की पूजा, यज्ञ-हवन, पंचोपचार-षोडशोपचार पूजा आदि के बाद अंत में आरती की जाती है । आरती एक दीप या पंचदीपों के साथ की जाती है, लेकिन इसमें दीप घुमाने या आरती की संख्या और मंत्रों का खास महत्व होता है । मंदिरों में ज्यादातर पांच बत्तियों से आरती की जाती है, इसे ‘पंचप्रदीप’ भी कहते हैं । लेकिन कहा जाता हैं कि शिवजी के गले के हार नागदेवता की आरती पांच मुखी दीपक से करना चाहिेए ।

 

नागपंचमी पर की जाने वाली नाग देवता की आरती में चांदी, पीतल या तांबे की थाली को सबसे शुभ बताया गया है । आरती की थाली में दीपक आटें से बना या पीतल धातु से बना दीपक ही रखा जाता है, और उसमें रूऊ की बत्ती और गाय के घी का ही प्रयोग करना चाहिए । आरती समाप्त होने पर देशी कपूर को जलाकार- करपूर गौरम करूणावतारम संसार सारम भुजगेन्द्र हारम । सदा वसंतम हृदयारविंदे भवम भवानी सहितं नमामि इस वंदना को जरूर करना चाहिए ।

 

नागदेवता की आरती पहले तीन बार दाहिने तरफ और 5 बार बाये तरफ आरती घुमाना चाहिए । आरती में घंटी और शंख का वादन करने से घर और आसपास का वातावरण शुद्ध होने के साथ सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा भी नष्ट हो जाती हैं ।

 

आरती समाप्ति के बाद - त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देव । उक्त प्रार्थना का वाचन भी करना चाहिए ।

 

अथ आरती


आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।
उग्र रूप है तुम्हारा देवा भक्त, सभी करते है सेवा ।।

मनोकामना पूरण करते, तन-मन से जो सेवा करते ।
आरती कीजे श्री नाग देवता की , भूमि का भार वहनकर्ता की ।।



भक्तो के संकट हारी की आरती कीजे श्री नागदेवता की ।
आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

महादेव के गले की शोभा ग्राम देवता मै है पूजा ।
श्ररेत वर्ण है तुम्हारी धव्जा ।।

 

दास ऊकार पर रहती क्रपा सहसत्रफनधारी की ।
आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।

आरती कीजे श्री नाग देवता की, भूमि का भार वहनकर्ता की ।।


।। इति समाप्त ।।

naag devta ki aarti

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2P8VmhR

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages