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Saturday, 18 August 2018

रेगुलर ग्रीन टी लें तो नाश्ते, भोजन की टाइमिंग का ध्यान रखें

एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनोल युक्त ग्रीन टी से वजन और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के साथ, बालों, त्वचा, हृदय, बीपी, डिप्रेशन और कैंसर संबंधी रोगों में फायदेमंद है लेकिन बिना डॉक्टर की परामर्श से न लें। मात्रा से अधिक ग्रीन टी लेने से स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।

ज्यादा पीने से बचें
ग्रीन टी पीने से मोटापा नियंत्रित रहने के साथ त्वचा, पाचन क्रिया संबंधी समस्या में भी फायदेमंद है। ग्रीन टी ज्यादा लेने से कैफीन धडक़न अनियमित करता है। व्यवहार में चिड़चिड़ापन, घबराहट, अनिद्रा व पेट खराब होने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। पोस्ट प्रेग्नेंसी फैट कम करने के लिए इसका प्रयोग करने वाली मां और बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। टैनिन की वजह से इसे खाने से पहले लेने से पेट दर्द, कब्ज हो सकता है। इसलिए इसे २-३ कप से ज्यादा नहीं लेना चाहिए।

नाश्ते व लंच के आधे घंटे बाद लें
सुबह खाली पेट और नाश्ते से ठीक पहले न लें। नाश्ते और लंच के आधे घंटे के बाद ले सकते हैं। देर रात पीने से अनिद्रा की समस्या हो सकती है। ग्रीन टी दूध के साथ लेने से एसिड बनना कम होगा। एंटीबायोटिक्स दवाएं लेते हैं तो इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। दवाइयां के साथ भी ग्रीन टी का इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है।

ये लोग रखें खयाल
ग्रीन टी का अधिक प्रयोग करने से ऑक्जेलिक एसिड से गुर्दे में पथरी, कैल्शियम, यूरिक एसिड और फॉस्फेट से भी पथरी होने की आशंका बढ़ जाती है। गर्भवती महिला और हड्डियों संबंधी समस्या के रोगी चिकित्सक की परामर्श से लें। ग्रीन टी में मौजूद तत्त्व टैनिन, खाद्य पदार्थों और पोषक तत्वों से होने वाले आयरन के अवशोषण में दिक्कत करता है। इससे आयरन की कमी होती है जिससे खून की कमी होने लगती है।

डॉ.पुनीत रिझवानी
फिजिशियन, महात्मा गांधी अस्पताल, जयपुर

सुरभि पारीक
डायटीशियन, एसडीएमएच, जयपुर



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