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Tuesday, 26 February 2019

सेहत के लिए रिटर्न गिफ्ट है 'रक्तदान'

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यदि किसी देश की एक प्रतिशत जनसंख्या भी रक्तदान करती है तो उस देश के जरूरतमंदो को रक्त की पर्याप्त आपूर्ति हो जाएगी। सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि रक्त की पूर्ति दान से ही संभव है। रक्तदान से दाता की सेहत सुधरती है और उसका शारीरिक तंत्र मजबूत होता है।

रक्तदान दो प्रकार से किया जाता है। पहला, कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से रक्तदान कर सकता है ताकि उसका रक्त किसी जरूरतमंद की जान बचाने में इस्तेमाल किया जा सके।दूसरा, जब जरूरतमंद व्यक्ति के सगे-संबंधी सीधेतौर पर उसके लिए रक्तदान करें। तीन महीने में एक बार से अधिक रक्तदान नहीं करना चाहिए।

कौन कर सकता है
- 18-65 वर्ष का कोई भी व्यक्तिजो स्वस्थ हो, रक्तदान कर सकता है। जिन्होंनेे टैटू गुदवाया हो, वे इसके एक साल बाद ही रक्तदान कर सकते हैं।
- रक्तदान करने वाले का एक से अधिक पार्टनर से शारीरिक संबंध न हों।
- वजन 45 किलो से कम नहीं होना चाहिए।
- रक्तदान करने वाले को सांस संबंधी, त्वचा या हृदय रोग न हों।
- महिला रक्तदान कर रही हो तो वह पिछले छह हफ्तों में गर्भवती नहीं होनी चाहिए।
- रक्तदान के पहले छह महीने तक सर्जरी न हुई हो।
- रक्तदाता के खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 ग्राम प्रति डेसीलिटर से कम नहीं होनी चाहिए।

पहले व बाद में
- रक्तदान से पहले भरपेट खाएं और पूरी नींद लें। रक्तदाता दान से पहले रात में व सुबह जूस और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

-रक्तदान के बाद 5-20 मिनट तक आराम करें।

- थोड़ी मात्रा में स्नैक्स व एक गिलास जूस पिएं जिसमें शुगर की मात्रा अधिक हो ताकि रक्तमें शर्करा का स्तर सामान्य रहे।

ये वर्जित:
- 48 घंटे के भीतर शराब और दवा का प्रयोग, रक्तदान के चार घंटे पहले और चार घंटे बाद तक धूम्रपान।
- कुछ घंटों तक वाहन न चलाएं।

रक्तदान के फायदे
- इस दान के स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं इसलिए इसे सेहत का रिटर्न गिफ्ट कहते हैं।
- हृदय संबंधी स्वास्थ्य सुधरता है। रक्तदान से पुरुषों में आयरन का स्तर कम हो जाता है जिससे हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। साथ ही अन्य हृदय रोगों व स्ट्रोक की आशंका घटती है।
-रक्तदान से शरीर में रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है। इसकी भरपाई करने के लिए शरीर बोनमैरो को नई लाल रक्तकणिकाएं बनाने के लिए प्रेरित करता है। इससे शरीर में नई कोशिकाएं बनती हैं और शारीरिक तंत्र तरोताजा हो जाता है।



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