
बच्चों के लिए अच्छा टूथपेस्ट चुनने में कई बार माता-पिता लापरवाही कर जाते हैं। जबकि जरूरी है कि टूथपेस्ट खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए।
टूथपेस्ट पर चेतावनी -
आमतौर पर टूथपेस्ट में फ्लोराइड होता है जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट की आधी ट्यूब जितनी मात्रा बच्चे के पेट में चली जाए तो यह जानलेवा हो सकती है। इसलिए अमरीकन स्वास्थ्य एजेंसी 'एफडीए' फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट पर इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखने की चेतावनी आवश्यक रूप से छपवाती है। साथ ही दांत साफ करने में इस्तेमाल होने वाली मात्रा से अधिक निगल लेने पर डॉक्टर या पॉइजन कंट्रोल सेंटर से सम्पर्क करने की सलाह दी जाती है।
ट्रेनिंग टूथपेस्ट: बाजार में बिना फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट भी मौजूद हैं, इन्हें ट्रेनिंग टूथपेस्ट भी कहते हैं। छह साल से कम उम्र के बच्चों में थूकने की क्षमता नहीं होती। ऐसे में फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट निगलने की आशंका अधिक रहती है। दंत रोग विशेषज्ञ के मुताबिक टूथपेस्ट को ब्रश पर लगाने के बाद अंगुली से दबा दें ताकि वह ब्रश के अंदर चला जाए। इससे पेस्ट का दांतों से सीधा संपर्क नहीं होगा। वैसे, मटर के दाने जितनी मात्रा 1-2 बार पेट में चले जाने पर ज्यादा असर नहीं होता। इसलिए बच्चों के लिए टूथपेस्ट का चयन करते समय इस पर लिखी गई सामग्री जरूर पढ़ें।
फ्लोराइड की अधिकता -
दंत रोग विशेषज्ञ के अनुसार स्थायी दांतों के निर्माण के दौरान फ्लोराइड के इस्तेमाल से बच्चों में डेंटल फ्लोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों के टूथपेस्ट में फ्लोराइड की मात्रा 500 पीपीएम (पार्टस प्रति मिलियन) से कम होनी चाहिए। नवजात शिशुओं को कुछ भी खिलाने-पिलाने के बाद उनके मसूड़ों को साफ व मुलायम कपड़े से साफ करें। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अधिक फ्लोराइड वाला पानी न पीने की सलाह दी जाती है।
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