रात में बच्चा दूध की बोतल मुंह में रखकर सोता है तो होगी यह परेशानी - My Breaking News

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Friday, 29 March 2019

रात में बच्चा दूध की बोतल मुंह में रखकर सोता है तो होगी यह परेशानी

बच्चे के पहले दांत का भी रखें ध्यान
छोटे बच्चों में भी दांतों की समस्याएं बढ़ रही हैं। दरअसल यह इसलिए होता है कि शिशु के जब पहला दांत आता है तो उसकी देखरेख पर पूरा ध्यान नहीं दिया जाता है। डेंटल एक्सपट्र्स का कहना है कि पहला दांत आने के साथ ही साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। दांत आने लगते हैं या आ चुके हैं तो बच्चों को रात में दूध की बोतल मुंह में लगाकर सोने की आदत न डालें। इससे नर्सिंग बोटल कैरिज व दांतों की अन्य बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे एक या सवा साल की उम्र के बच्चों के दांतों में भी कैविटी की समस्या होने लगती है और उन्हें इलाज के लिए दंत चिकित्सक के पास ले जाना पड़ता है। इतनी कम उम्र में यदि कैविटी की समस्या शुरू होते ही डॉक्टर को दिखा दिया जाए तो उसमें फिलिंग से इलाज संभव होता है। लेकिन कैविटी अगर गहराई तक है और दांतों के नीचे की नसों तक जा रही है तो छोटे बच्चों में भी रूट कैनाल ट्रीटमेंट करना पड़ता है। कैविटी के इलाज में लापरवाही न करें वर्ना दांत सडऩे की नौबत आ जाती है।

कुछ बच्चों के जन्म से ही दांत होते हैं
हालांकि कुछ बच्चों में जन्म से ही दांत होते हैं। इन्हें नेटल या नियोनेटल टीथ कहते हैं और यदि बच्चे को मां से फीडिंग में परेशानी हो रही है तो इनका भी इलाज करवाना जरूरी हो जाता है। कई बार दांत के टुकड़े भी मुंह में फंसे रह सकते हैं। जिन बच्चों में फिलिंग यानी विशेष पदार्थ भरने के बावजूद तकलीफ कम नहीं होती है तो उनमें रूट कैनाल के तहत दांतों के नीचे की नसों की सफाई करके उसमें स्पेशल मैटेरियल भरा जाता है। दूध के दांतों में रूट कैनाल करने को लेकर लोगों में भ्रांति होती है कि इससे पक्के दांत आने में दिक्कत होगी। लेकिन ऐसा नहीं है। बच्चों में फिलिंग मैटेरियल ऐसा इस्तेमाल किया जाता है जो पक्के दांत आते वक्त अपनी जगह छोड़ देता है। इससे परमानेंट टीथ टेढ़े भी नहीं आते हैं।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2HJUxMh

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages